Thak Pratyay..ठक् प्रत्यय एक तद्धित प्रत्यय है। यह प्रत्यय संज्ञा शब्दों के साथ प्रयुक्त होता है।तस्य इदं, ततः आगतः , तस्य निवासः , तत्र भावः अर्थात..उसका यह , उससे आया हुआ, उसमें विद्यमान या उसका भाव आदि, इस प्रकार का भाव देता है।
ठक् प्रत्यय का प्रयोग ‘संबन्धी ‘ अर्थ में भाववाचक संज्ञा बनाने के लिये होता है।सम्बन्धी अर्थ में…अर्थात वाला या युक्त अर्थ में।जैसे…ऐतिहासिक अर्थात इतिहास सम्बन्धी
नैतिक अर्थात नीति सम्बन्धी /वाला या नीति से युक्त…धनिक अर्थात धन वाला
Thak Pratyay प्रयोग के नियम
- संज्ञा शब्द के साथ प्रयोग करने पर ठक् प्रत्यय का इक जुड़ता है।
- ठक् प्रत्यय का प्रयोग होने पर, जिस शब्द के साथ इस प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है, उस शब्द के प्रथम स्वर को वृद्धि हो जाता है। अर्थात…शब्द में आये हुए प्रथम स्वर को निम्नलिखित परिवर्तन होता है
- अ /आ हो तो =आ
- इ /ए हो तो = ऐ
- उ /ओ =औ
- ऋ =आर् ..
- जैसे धर्म + ठक् >इक् = धार्मिक इस उदाहरण में धर्म शब्द के ध में अ है.. (ध् + अ =ध ) जो ठक् प्रत्यय के लगने से अ को आ हो गगया है।
- इतिहास + ठक् > इक = ऐतिहासिक इस उदाहरण में इतिहास का इ,ऐ में बदल गया है।
- मूल + ठक् > इक = मौलिक…इस उदाहरण में मूल का ऊ औ में बदल गया है।
- ठक् प्रत्यय से बने शब्दों के तीनों लिङ्गों में रूप बनते हैं…
- इस प्रत्यय से बने शब्द विशेषण के रूप में प्रयोग होते हैं तथा इन शब्दों के रूप अपने विशेष्य की तरह बनते हैं..अर्थात जिस शब्द के साथ यह प्रयुक्त होता हैं, उसी शब्द के लिङ्ग वचन और विभक्ति के अनुसार इनके रूप होते हैं।
जैसे.. भारत देशे अनेकानि ऐतिहासिकानि स्थानानि सन्ति।इस वाक्य में.. ‘स्थानानि ‘ शब्द प्रथमा विभक्ति बहुवचन में है, इसलिये ऐतिहासिकानि.. इस शब्द में भी प्रथमा विभक्ति बहुवचन में प्रयुक्त हुआ है।
ठक् प्रत्यय
*ठक् प्रत्यय से बने शब्दों के रूप तीन लिङ्गों में..
शब्द + प्रत्यय | बना शब्द | पुलिन्ग रूप | स्त्रीलिङ्ग | नपुंसकलिङ्ग |
धर्म+ठक् | धार्मिक | धार्मिकः | धार्मिकी | धार्मिकम् |
अध्यात्मन | आध्यात्मिक | आध्यात्मिकः | आध्यात्मिकी | आध्यात्मिकम् |
अश्व | आश्विक: | आश्विक: | आश्विकी | आश्विकम् |
आत्मन | आत्मिक: | आत्मिक: | आत्मिकी | आत्मिकम् |
इतिहास | ऐतिहासिक | ऐतिहासिकः | ऐतिहासिकी | ऐतिहासिकम् |
कृत | कार्तिक | कार्तिकः | कार्तिकी | कार्तिकम् |
दिन | दैनिक | दैनिकः | दैनिकी | दैनिकम् |
दर्शन | दार्शनिक | दार्शनिकः | दार्शनिकी | दार्शनिकम् |
देव | दैविक | दैविकः | दैविकी | दैविकम् |
देह् | दैहिक | दैहिकः | दैहिकी | दैहिकम् |
नीति | नैतिक | नैतिकः | नैतिकी | नैतिकम् |
न्याय | न्यायिक | न्यायिकः | न्यायिकी | न्यायिकम् |
नगर | नागरिक | नागरिकः | नागरिकी | नागरिकम् |
नौ | नाविक | नाविकः | नाविकी | नाविकम् |
परलोक | पारलौकिक | पारलौकिकः | पारलौकिकी | पारलौकिम् |
परिवार | पारिवारिक | पारिवारिकः | पारिवारिकी | पारिवारिकम् |
पुराण | पौराणिक | पौराणिकः | पौराणिकी | पौराणिकम् |
पक्ष | पाक्षिक | पाक्षिकः | पाक्षिकी | पाक्षिकम् |
बुद्धि | बौद्धिक | बौद्धिकः | बौद्धिकी | बौद्धिकम् |
भूमि | भौमिक | भौमिकः | भौमिकी | भौमिकम् |
भाव | भाविक | भाविकः | भाविकी | भविकम् |
मास | मासिक | मासिकः | मासिकी | मासिकम् |
मनस् | मानसिक | मानसिकः | मानसिकी | मानसिकम् |
मूल | मौलिक | मौलिकः | मौलिकी | मौलिकम् |
मर्म | मार्मिक | मार्मिकः | मार्मिकी | मार्मिकम् |
यज्ञ | याज्ञिक | याज्ञिकः | याज्ञिकी | याज्ञिकम् |
रेवती | रैवतिक | रैवतिकः | रैवतिकी | रैवतिकम् |
लोक | लौकिक | लौकिकः | लौकिकी | लौकिकम् |
लक्ष | लाक्षिक | लाक्षिकः | लाक्षिकी | लाक्षिकम् |
वर्ष | वार्षिक | वार्षिकः | वार्षिकी | वार्षिकम् |
वेद | वैदिक | वैदिक: | वैदिकी | वैदिकम् |
विशेष | वैशेषिक | वैशेषिकः | वैशेषिकी | वैशेषिकम् |
विचार | वैचारिक | वैचारिकः | वैचारिकी | वैचारिकम् |
विवाह | वैवाहिक | वैवाहिकः | वैवाहिकी | वैवाहिकम् |
विधान | वैधानिक | वैधानिकः | वैधानिकी | वैधानिकम् |
विज्ञान | वैज्ञानिक | वैज्ञानिकः | वैज्ञानिकी | वैज्ञानिकम् |
शकट | शाकटिक | शाकटिकः | शाकटिकी | शाकटिकम् |
शब्द | शाब्दिक | शाब्दिकः | शाब्दिकी | शाब्दिकम् |
शरीर | शारीरिक | शारीरिकः | शारीरिकी | शारीरिकम् |
शिक्षा | शैक्षिक | शैक्षिकः | शैक्षिकी | शैक्षिकम् |
समाज | सामाजिक | सामाजिकः | सामाजिकी | सामाजिकम् |
साहित्य | साहित्यिक | साहित्यिकः | साहित्यिकी | साहित्यिकम् |
संस्कृति | सांस्कृतिक | सांस्कृतिकः | सांस्कृतिकी | सांस्कृतिकम् |
संसार | सांसारिक | सांसारिकः | सांसारिकी | सांसारिकम् |
सेना | सैनिक | सैनिकः | सैनिकी | सैनिकम् |
*सर्वभूमि | सार्वभौमिक | सार्वभौमिकः | सार्वभौमिकी | सार्वभौमिकम् |
वृत्ति | वार्तिक | वार्तिकः | वार्तिकी | वार्तिकम् |
नोट..ऊपर दी हुई तालिका में सर्वभूम शब्द के पास * चिन्ह् लगा है जो शब्दों से मिल् कर बना है सर्व,भौम।अतः ठक् प्रत्यय लगने के बाद दोनों शब्दों के प्रथम स्वर को वृद्धि होगा। सर्व = सार्व.. होगा तथा भूम का भौम होगा।
ठक् प्रत्यय से बने शब्दों का वाक्य में प्रयोग…
- 1..मनुष्यः सामाजिकः प्राणी अस्ति।इस उदाहरण में प्राणी पुलिङ्ग् प्रथमा विभक्ति एक वचन में है , अतः सामाजिकःभी पुलिङ्ग् प्रथमा एक वचन में प्रयुक्त हुआ है।
- 2… मानवस्य जीवने नैतिकी शिक्षा आवश्यकी।शिक्षा स्त्रिलिङ्ग् एक वचन में है, अतः नैतिकी भी स्त्रिलिङ्ग् एक वचन में प्रयुक्त हुआ है।
- 3..स्वतन्त्रता अस्माकम् मौलिकः अधिकारः अस्ति।
- 4..श्वः वयं ऐतिहासिकानि स्थानानि द्रष्टुम् गमिष्यामः।इस उदाहरण में स्थानानि नपुंसकलिङ्ग् बहुवचन में है, अतः ऐतिहासिकानि भी नपुंसक लिङ्ग प्रथमा विभक्ति बहुवचन में प्रयुक्त हुआ है।
- 4.. सैनिकाः देशं रक्षन्ति
- 5.. भारत देशे अनेकाः वैज्ञानिकाः सन्ति।
- 6.. नागरिकाः देशं उन्नयन्ति।
- 7.. संप्रति देशस्य आर्थिकी स्थितिः संतोषप्रदा नास्ति।
- 8..जलस्य संरक्षणम् अस्माकम् नैतिकम् कर्तव्यम्।
- 9..सा वैदिकी विदुषी अस्ति।
- 10.. विद्यालये वार्षिकः उत्सवः भवति
मतुप और वतुप् प्रत्यय के लिये इसे देखिये
संज्ञा विधायक सूत्र के लिये इसे पढ़िए
अनीयर प्रत्यय के लिये इसे पढ़िए
प्रश्न – उत्तरप्रश्न…
ठक् प्रत्यय का प्रयोग किसके साथ होता है?
उत्तर.. संज्ञा शब्दों के साथ।
प्रश्न..ठक् प्रत्यय का प्रयोग किस अर्थ में होता है?
उत्तर..युक्त अर्थ में, वाला अर्थ में।
प्रश्न..ठक् से बने शब्द किस प्रकार की संज्ञा वाले शब्द बनते हैं?
उत्तर..भाववाचक
प्रश्न.. शब्द के साथ प्रयोग करने पर ठक् के स्थान क्या जुड़ता है?
उत्तर…इक्
प्रश्न दिन +ठक् =?
उत्तर.. दैनिक
प्रश्न……………. धर्म +ठक् जनाः धर्मम् एव आचरन्ति?
उत्तर.. धार्मिकाः
प्रश्न.. प्रथम +ठक् शिक्षा बाल्यतः एव भवति।
उत्तर.. प्राथमिकी