पद परिचय परिभाषा भेद तथा उदाहरण
पद-परिचय के अन्तर्गत वाक्यों में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक विश्लेषण होता है। परन्तु यह पद परिचय क्या हैं..पद किसे कहते हैं..शब्द,पद कब […]
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पद-परिचय के अन्तर्गत वाक्यों में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक विश्लेषण होता है। परन्तु यह पद परिचय क्या हैं..पद किसे कहते हैं..शब्द,पद कब […]
वर्णों के विभिन्न उच्चारण स्थान कौन-कौन से हैं?मुख के भीतर कहां कहां से वर्णों का उच्चारण करते हैं..उन उच्चारण स्थानों
वाच्य का अर्थ होता है वाक्य के कथन का प्रकार। एक ही वाक्य को कई प्रकार से बोला या लिखा
ल्यप् प्रत्यय एक पूर्वकालिक कृदन्त प्रत्यय है।इस प्रत्यय का प्रयोग ‘ करके ‘ (After Doing)इस अर्थ में होता है। जैसे..
संस्कृत के स्त्री प्रत्यय..किसे कहते हैं..कुछ संज्ञा शब्द ऐसे होते हैं, जिनके जोड़े शब्द होते हैं.. पुरुष और स्त्री। पुलिङ्ग
Ktva pratyay क्त्वा प्रत्यय क्या है… इनका प्रयोग कहां किया जाता है।क्त्वा प्रत्यय को प्रयोग करने का क्या नियम है,ये
पदबन्ध का शाब्दिक अर्थ है पदों का बंधन। अर्थात अनेक पदों का बंधा समूह जो आपस में बंधे रहते हैं।
पुनरुक्त शब्द अर्थात पुनः कहे गये शब्द। ।पुनरुक्त .. पुनः+उक्त से बना है । पुनः. अर्थात फिर से या दुबारा…
तुमुन् प्रत्यय किसे कहते हैं तथा इसका प्रयोग कहां और कैसे करते हैं…यह सब हम इस लेख के द्वारा जानेंगे…निम्नलिखित
Tva Aur Tal Pratyay..त्व और तल् प्रत्यय तद्धित प्रत्यय के अन्तर्गत आते हैं। ये संज्ञा सर्वनाम आदि के साथ प्रयोग