विशेषण की अवस्थाएं

विशेषण की अवस्थाएं/ तुलनात्मक विशेषण/Visheshan Ki Avasthaen

विशेषण की अवस्थाएं…या तुलनात्मक विशेषण क्या हैं..

जब भी हम भाषा या साहित्य पढ़ते हैं तो हम देखते हैं कि उसमें विशेषणों का प्रयोग अवश्य होता है। विशेषण भाषा और साहित्य का एक महत्वपूर्ण भाग है।

वाक्य में विशेषण का प्रयोग तीन रूपों में दृष्टिगोचर होता है। इन्हें ही विशेषण की अवस्था (Degree))कहते हैं।

फिर वाक्य में तुलना करना किसे कहते हैं?

दो या दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं के गुण – दोष को एक दूसरे के सापेक्ष देखने को /मिलाने को तुलना करना कहते हैं।

परिभाषा…जिन विशेषण शब्दों के द्वारा दो या दो से अधिक विशेष्यों अर्थात व्यक्तियों या वस्तुओं के गुण अवगुण की तुलना की जाती है, उन्हें तुलनात्मक विशेषण कहते हैं।

अर्थात दो या दो से अधिक के बीच में गुण या कमी को देखते हुए किसी एक के बारे में धारणा बनाना।इस प्रकार विशेषण की तीन अवस्थाएं होती हैं।

1.. सामान्य अवस्था/ मूल अवस्था (Positive Degree )

2.. उत्तरावस्था (Comparative Degree)

3.. उत्तमावस्था (Superlative Degree )

Visheshan Ki Avasthaen..

सामान्य या मूल अवस्था..(Positive Degree)

जब विशेषण अपने सामान्य या साधारण रूप रूप में आता है, और वह किसी से तुलना प्रकट नहीं करता है, तब वह सामान्य अवस्था में होता है। जैसे…

1..आकाश में काले बादल छाये हुए हैं। इस वाक्य में बादल का विशेषण काले है, जो सीधे व्यक्त हुआ है। किसी अन्य के गुण दोष से तुलना नहीं हुई है।

अन्य उदाहरण..

2.. रहीम बुद्धिमान बालक है।

3.. ये आम रसीले हैं।

4.. दुर्जन व्यक्ति, लोगों को हानि पहुंचाते हैं।

5..मोक्षिता संस्कारी है।

6.. कौमुदी अनुशासित है।

7.. उसने फटे वस्त्र पहने थे।

8.. मेरा सारा परिश्रम व्यर्थ हो गया।

9.. सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष कहा जाता है।

10..दैनिक जागरण, दैनिक समाचार पत्र है।

👉संस्कृत उदाहरण..

जैसे.. रामः सुन्दरः बालकः अस्ति।

सः चतुरः अस्ति।

तस्य मनोवृत्तिः स्वस्था अस्ति।

इस वाक्य में सुन्दरः, चतुरः, स्वस्था सामान्य रूप में प्रयुक्त हुआ है , अतः यह विशेषण की सामान्य अवस्था है।ऊपर सारे उदाहरण में विशेषण सामान्य रूप में प्रयुक्त हुआ है।

उत्तरावस्था/ तुलनात्मक अवस्था(Comparative Degree)

जब विषेषण के द्वारा किसी दो वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है, तथा उनमें से एक का कम या अधिक होना दिखाया जाता है, तो यह विशेषण की उत्तरावस्था या तुलनात्मक अवस्था होती है।

👉हिन्दी भाषा में इसके लिये .. से , में, से कम, से अधिक , से बढकर , की अपेक्षा, वनिस्पत, के अलावा, की तुलना में आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है ।

जैसे..1.. कमला, मीरा की अपेक्षा धीरे बोलती है।

2.. इन दोनों में मोहन अधिक चतुर है।

3.. पाण्डवों में भीम अधिक बलवान थे।

4.. मुझसे छोटा भाई महेश इस पुस्तक को पढ़ेगा।

5.. मीठा पानी खारे पानी से अधिक उष्ण होता है।

6.. मैसूर से गोरखपुर अधिक दूर है।

7.. सिरस का फूल ढाक के फूल से अधिक कोमल होता है।

8.. सरिता कविता से अच्छा गाना गाती है।

9.. राधा सीता से मोटी है।

10..शैतानी में हर्षित तनव से बढ़कर है।

11..मुझे हिन्दी की अपेक्षा संस्कृत पढ़ना जादा अच्छा लगता है।

12.. संस्कृत की तुलना में हिन्दी कम कठिन है।

13.. आपके अलावा कोई और नहीं जा सकता।

👉**संस्कृत भाषा में विशेषण की उत्तर अवस्था दिखाने के लिये तर या ईयस प्रत्यय लगा दिया जाता है।

जैसे.. रामः मोहनात् सुन्दरतरः अस्ति। इस वाक्य में राम और मोहन की तुलना की गई है तथा राम को मोहनसे ऊंचा दिखाया गया है। अतः यह विशेषण की उत्तरा अवस्था है।

1..एतयोः कः प्रवीणतरः?

2.. एतयोः क्षितिजः बलवत्तरः।

3.. लोकोत्तराणां चेतांसि पुष्पादपि मृदुत्तराणि भवन्ति।

4.. क्षारं जलं मधुरात् जलात् शीतलतरः भवति।

5.. मम कनीयान् भ्राता इन्द्रजीतः इदं कार्यं करिष्यति।

7.. शिकोहाबादात् वाराणसी प्रयागात् दूरतरा आसीत्।

8..राम रावणयोः कः बलीयान् आसीत्?

9.. पुष्पेन्द्रः रमेशात् चतुरतरः अस्ति।

10.. सीता राधायाः स्थवीयसी अस्ति। ( सीता राधा से अधिक मोटी है)

विशेषण की अवस्थाएं

उत्तमावस्था

जब विशेषण के द्वारा दो या दो से अधिक वस्तुओं या व्यक्तियों में किसी एक की सबसे अधिक अच्छाई या हीनता दिखाई जाय तो इसे विशेषण की उत्तमावस्था कहते हैं।

जैसे..1.. हमारे विद्यालय में हर्ष सबसे अच्छा लड़का है।

2.. आरुषी कक्षा में सबसे तेज है।

3.. प्रकृति ईश्वर की सुन्दरतम कृति है।

4.. लड़कों में सबसे शैतान बच्चे को बुलाओ।

5.. महापुरुषों का हृदय सबसे कोमल होता है।

6.. रघुवंश संस्कृत का सबसे अच्छा महाकाव्य है

7.. कालीदास कवियों में सर्वश्रेष्ठ थे। 8.. इस वन के सबसे ऊंचे पेड़ की शाखाओं पर पक्षी कलरव करते हैं।9.. स्त्रियों में सबसे क्रूर स्त्री कैकेयी की क्रूरता कौन नहीं जानता।

👉**संस्कृत में उत्तमावस्था दिखाने के लिये तम् या ईष्ठन प्रत्यय का प्रयोग होता है।

जैसे रामः सर्वेषु बालकेषु सुन्दरतमः अस्ति। इस वाक्य में सुन्दरतम में तम् प्रत्यय का प्रयोग किया गया है, तथा सभी बालकों में राम का उत्कर्ष दिखाया गया है।

अन्य उदाहरण..

2..जनानां स्थूलतम् पुरुषं अत्र आनय।

3..रामचरित्रमानसम् हिन्दी भाषायाम् श्रेष्ठतम् ग्रन्थं अस्ति।

4..अस्मिन् उद्याने विशालतमस्य वृक्षस्य छायायाम् पथिकाः विश्रामम् कुर्वन्ति।

5..पाणिनि वैयाकरणेषु श्रेष्ठः अस्ति।

6..गङ्गा विश्वस्य पवित्रतमा नदी अस्ति।

7.. एतेषां फलानाम् मधुरतमस्य फलस्य रसं मह्यं देहि।

8.. युष्मासु बलिष्ठाय बालकाय अहम पारितोषकं दास्यामि।

9.. कौशल्या दशरथस्य ज्येष्ठा राज्ञी आसीत्।

10.. काकः खगेषु / खगानाम् धूर्ततमः भवति।

11.. सहदेवः पाण्डवेषु कनिष्ठः आसीत्।

12.. एतेषु छात्रेषु प्रवीणतमस्य छात्रस्य नामः हर्षवर्धनः अस्ति।

संस्कृत भाषा में विशेषण की अवस्थाओं से सम्बन्धित कुछ नियम

..👉जब दो वस्तुओं में किसी की हीनता या उत्कर्ष दिखाया जाता है,तब विशेषण से तरप प्रत्यय का प्रयोग होता है।

👉जब दो वस्तुओं में तुलना होती है, तब जिससे तुलना किया जाता है उसमें पंचमी विभक्ति का प्रयोग होता है।

जैसे.. रामः मोहनात् सुन्दरतरः अस्ति। इस वाक्य में राम की तुलना hमोहन से की गई है, अतःमोहन में पंचमी विभक्ति कप्र्योग हुआ है।

👉जब दो से अधिक व्यक्ति या वस्तुओं में किसी एक की कमी या अच्छाई /हीनता या उत्कर्ष दिखाया जाता है तब विशेषण से तम् या इष्ठन प्रत्यय का प्रयोग होता है।

👉 तथा जब दो से अधिक वस्तु या व्यक्तियों में हीनता या उत्कर्ष दिखाया जाता है उनमें सप्तमी विभक्ति का प्रयोग होता है।

जैसे…एतेषु छात्रेषु प्रवीणतमस्य छात्रस्य नामः हर्षवर्धनः अस्ति। इस वाक्य में हर्षवर्धन को छात्रों में प्रवीणतम बताया गया है, अतः छात्रेषु में सप्तमी विभक्ति का प्रयोग हुआ है।

तरप् , तम्, ईयस् तथा इष्ठन प्रत्ययों से युक्त विशेषणों के लिङ्ग विभक्ति तथा वचन अपने विषेष्यों के अनुसार होते हैं।

जैसे.. नारीषु / नारीणाम् क्रूरतमाम् कैकेयीम् कः न जानाति? इस वाक्य में क्रूरतमाम् अपने विषेष्य कैकेयीम् के अनुसार स्त्री लिङ्ग द्वितीया एक वचन का है।

👉हिन्दी भाषा में विशेषण की अवस्था दिखाने के लिये से अधिक और सबसे अधिक शब्दों का प्रयोग करके दिखाया जाता है। जैसे..

अच्छा से अधिक अच्छा सबसे अच्छा
निडर से अधिक निडर सबसे निडर
चतुर से अधिक चतुर सबसे चतुर
भारी से अधिक भारी सबसे भारी
महान से अधिक महान सबसे महान
नया से अधिक नया सबसे नया
बडा से अधिक बडा सबसे बडा

हिन्दी भाषा में भी तर और तम प्रत्यय जोड कर उत्तराऔर उत्तमावस्था रूप बनाया जाता है। जैसे..

लघु लघुतर लघुत्तम्
चतुर चतुरतर चतुरतम
विशाल विशालतर विशालतम
उच्च उच्चतर उच्चतमतम
अधिक अधिकतर अधिकतम
मधुर मधुरतरमधुरतम
कठोर कठोरतरकठोरतम
कोमल कोमलतरकोमलतम
सुन्दर सुन्दरतरसुन्दरतम
न्यून न्यूनतरन्यूनतम
योग्य योग्यतरयोग्यतम
प्राचीन प्राचीनप्राचीनतम
नवीन नवीनतरनवीनतम
निकट निकटतरनिकटतम
प्रिय प्रियतरप्रियतम
निकृष्ट निकृष्टतरनिकृष्टतम
वृहत् वृहत्तरवृहत्तम
शुभ्र शुभ्रतरशुभ्रतम

संस्कृत संज्ञा विधायक सूत्र के लिये इसे पढिये..

विशेषण की अवस्थाएं..

प्रश्न…1..

तुलनात्मक विशेषण किसे कहते हैं?

2.. तुलनात्मक विशेषण की कितनी अवस्थाएं होती हैं?

3.. मोहन सबसे तेज दौड़ता है.. यह विशेषण की कौन सी अवस्था है?

4.. संस्कृत भाषा में तुलनात्मक विशेषणके लिये किन प्रत्ययों का प्रयोग होता है?

5.. विशेषण की उत्तरावस्था किसे कहते हैं?

6.. देशद्रोह निकृष्टतम कार्य है।इस वाक्य में निकृष्टतम इस शब्द में विशेषण की कौन सी अवस्था है?

7..आधुनिक संगीत से ,शास्त्रीय संगीत अधिक मधुर लगता है। यह विशेषण की किस अवस्था का उदाहरण है?

उत्तर..1.. दो या दो से अधिक वस्तु या व्यक्तियों के गुण या दोषों को परस्पर मिलाने को तुलनात्मक विशेषण कहते हैं।

2.. तीन अवस्थाएं होती हैं।

3..उत्तमावस्था

4.. तर, तमप् तथा ईष्ठन प्रत्यय।

5.. जब विशेषण के द्वारा किसी दो वस्तु या व्यक्ति की तुलना कर के उनमें से किसी एक को कम या अधिक दिखाया जाता है, तब इसे उत्तरावस्था कहा जाता है।

6.. उत्तमावस्था7.. उत्तरावस्था

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