पुनरुक्त शब्द पुनरुक्ति द्विरुक्ति

पुनरुक्त शब्द अर्थात पुनः कहे गये शब्द। ।पुनरुक्त .. पुनः+उक्त से बना है । पुनः. अर्थात फिर से या दुबारा… उक्त अर्थात कहा गया..।इसे पुनरुक्ति/द्विरुक्ति भी कहते हैं।

जब हम बात-चीत करते हैं, या कुछ लिखते हैं तो कुछ शब्दों को दो बार उच्चारित करते हैं..

जैसे..आईये-आईये .. गरमा-गरम चाय पीजिये। इसे ही पुनरुक्ति/द्विरुक्ति कहते हैं।

परिभाषा…एक ही शब्द की एक से अधिक बार आवृत्ति (दुहराव)को द्विरुक्ति या पुनरक्ति कहते हैं। यह पुनरक्ति प्रायः दो बार होती है। तीन बार की आवृत्ति के उदाहरण विरल ही मिलते हैं..।

  • पुनरुक्ति भारतीय भाषाओं की निजी विशेषता है। इससे तीव्रता , अतिशयता, प्रत्येक, पारस्परिक संबन्ध ,भिन्नता आदि भाव प्रकट होते हैं। ये भाषा को एक अलग विशेषता प्रदान करते हैं।इनके प्रयोग से वाक्य में एक विशेष अर्थ प्रकट होता है..

जैसे.. गरमा-गरम गुलाब जामुन। (एकदम गरम ) परन्तु गरमा-गरम कहने से एक अलग ही प्रभाव होता है ।

कविता में भी इनका प्रयोग अक्सर किया जाता है, जिससे कविता की सुन्दरता और बढ़ जाती है। जैसे..

1.. हिमगिरि के हिम से निकल-निकल

गिर-गिर, गिरि की चट्टानों पर।

कर-कर निनाद कल-कल छल-छल।

कंकड़-कंकड़ पैदल चल कर।

2.. रेशम जैसे हंसती-खिलती नभ से आई एक किरण

फूल-फूल की मीठी-मीठी खुशियां लाई एक किरण।

पड़ी ओस की कुछ बूंदें, झिलमिल-झिलमिल पत्तों पर

3.. रजनी बीती, भोर भयो है, घर-घर खुले किंवारे

ग्वाल-बाल सब करत कुलाहल, जय-जय सबद उचारै।

अन्य उदाहरण…

  • 1..धीरे-धीरे चलो, नहीं तो गिर जाओगे।
  • 2..कक्षा में बच्चे जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं।
  • 3.रो-रो कर उसक बुरा हाल है।
  • 4.लोग हंसते-हंसते लोट-पोट हो गये।
  • 5.दुर्घटना में वह मरते-मरते बचा।
  • 6. चलते-चलते शाम हो गई।
  • 7. सुबह-सुबह मेरी मां भगवान का भजन गाती हैं।

👉यह पुनरक्ति संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, विस्मायादि बोधक, तथा विभक्ति लगा कर होती है।

1..संज्ञा पुनरक्ति.

(क)बच्चा-बच्चा राम है। (हर एक बच्चा)।

(ख)घर-घर की एक कहानी। (हर घर की कहानी)

2..सर्वनाम ..

(क)अपना-अपना काम पूरा करो।

(ख) जिसने-जिसने गन्दगी फैलाया है वही-वही साफ करेगा।

(ग).. कौन-कौन अयोध्या जा रहा है?

3..विशेषण..

लाल-लाल फूल खिले हैं । मोटे-मोटे आदमी। हरे-हरे पत्ते।

4..क्रिया..

(क)घर में इतने आम हैं की हम खाते-खाते ऊब गए।

(ख)पैदल चलते-चलते थक गए।

5..क्रिया विशेषण..

(क) कविता बहुत धीरे-धीरे कार्य करती है ।

(ख ) तुम लोग पास-पास रहते हो ?

6..विस्मयादि बोधक ..

छि:-छि:! कितनी गंदगी है ।

राम-राम! कैसा समय आ गया है।

7..विभक्ति लगा कर ..

(क) मत्तूर में सारे के सारे लोग संस्कृत बोलते हैं।

(ख)गाजियाबाद और दिल्ली पास-ही-पास हैं।

(ग)बाढ़ में गांव के गांव बर्बाद हो गए। चारो तरफ पानी-ही पानी है।

(घ) आज तो आप-ही-आप छाए हुए हैं।

पुनरुक्त शब्द के प्रकार…

पुनरक्ति तीन प्रकार की होती है..

1..पूर्ण पुनरुक्ति

2..अपूर्ण पुनरक्ति

3..अनुकरण वाचक पुनरुक्ति

1.. पूर्ण पुनरुक्ति..

👉जब वाक्य में एक ही प्रकार के सार्थक शब्द की आवृत्ति होती है, तब उसे पूर्ण पुनरुक्ति या पूर्ण द्विरुक्ति कहते हैं…

जैसे.. चलते-चलते, हंसते-हंसते , दौड़ते-दौड़ते, खाते-खाते, अलग-अलग, भिन्न-भिन्न, राम-राम, तिल-तिल, पीछे-पीछे आदि।

1.घर-घर खुले किवारे.

2..नन्ही-नन्ही बूंदें बरस रही है।

3..सभी भक्त श्री कृष्ण की जय-जय कर रहे हैं।

4..रोते-रोते हंसना सीखो..गिर-गिर कर सम्हलना।

5..छोटी-छोटी बात पर क्रोध मत करो।

6..दौड़ते-दौड़ते मेरी सांस फूलने लगी ।

7.गुरु जी के पीछे-पीछे छात्र चल रहे हैं।

8.. कोस-कोस पर पानी बदले चार कोस पर बानी।

उपरोक्त वाक्यों में एक ही शब्द को दो बार कहा गया है जो पूर्ण पुनरुक्ति है।

अपूर्ण पुनरक्त शब्द …

जब वाक्य में या बोलते समय भिन्न प्रकार के सार्थक या निरर्थक शब्दों की आवृत्ति होती है, तब अपूर्ण पुनरुक्ति होती है।

जैसे..हंसते-बोलते यात्रा पूरी हो गई। (सार्थक शब्द )

घर पर सब कुशल-मंगल है । (सार्थक शब्द)

क्रोध में आकर आप अंट-संट बकने लगे।( निरर्थक शब्द)

👉यह अपूर्ण पुनरक्ति / द्विरुक्ति तीन प्रकार से होती है..

(क)दो सार्थक शब्दों से..

1.. संज्ञा.. काम-धाम , बाल-बच्चे

आपका काम-धाम कैसा चल रहा है?बाल-बच्चे कैसे हैं?

2. सर्वनाम.. जो-सो , जो कोई, जो करे, सो भरे।

3. विशेषण से.. काला- कलूटा, अन्धा -काना गूंगा -बहरा।

4..क्रिया से..हंसना-रोना , खाना-पीना

5..क्रिया विशेषण से.. इधर-उधर , जैसे-तैसे

(ख).. दो निरर्थक शब्दों से..

जैसे.. अंट-शंट, टीम-टाम

क्रोधित हो कर वे अंट-शंट बकने लगे।

(ग).एक सार्थक और दूसरा निरर्थक..

संज्ञा से .. टाल-मटोल , पूछ-ताछ , ।

विशेषण से.. ठीक-ठाक, टेड़ा -मेढ़ा,।

क्रिया से .. दौड़ना -धूपना, चलना-फिरना , खेलना -खाना।

अव्यय से .. आमने-सामने , आस-पास।

👉अपूर्ण पुनरक्ति या द्विरुक्ति को सहचर शब्द कहा जाता है । ये समान अर्थ वाले होते हैं। जैसे…

खान-पान , टाल-मटोल, रोना-बिलखना, रोना-पीटना, लड़ाई -झगड़ा, पान -फूल , पान-पत्ता , नात -रिश्तेदार,बंधु-बांधव, देवी-देवता , सीना-पिरोना, भाग-दौड़ , दौड़-धूप , छीना-झपटी, मान-सम्मान, मार-पीट ,हार-जीत, आना-जाना, उठाना-बैठना, मेल-जोल, उछल-कूद, ठीक -ठाक आदि।

👉अपूर्ण पुनरुक्त शब्दों के वाक्य…

1.. लोगों के रहन-सहन में बहुत बदलाव आ गया है।

2.. आज-कल शादी-ब्याह का मौसम है।

3..हर व्यक्ति को अपना आचार-विचार ठीक रखना चाहिये।

4.. शहरों की चमक-दमक से लोग आकर्षित होते हैं।

5.. अचानक वह गाली-गलौज पर उतर आया।

6..भारत में लोग धूम-धाम से उत्सव मानते हैं।

7.. मोह-माया का त्याग करो।

8.. क्या उसने अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी कर ली।

9.. सोहन तो भला-चंगा है।

10.. हर बात में हंसी-मजाक अच्छा नहीं होता है।

11.. अधिक लाड़-प्यार बच्चों को बिगाड़ देता है।

12.. वह पूजा-पाठ में ही लीन रहते हैं।

पुनरुक्त शब्द

3..अनुकरण वाचक पुनरक्ति ..

इस प्रकार की पुनरक्ति में प्रयुक्त शब्द परस्पर अनुकरण /नकल करके बनते हैं.. अर्थात पहले शब्द की ध्वनि की तरह या ये कहें की दूसरा शब्द पहले शब्द की ध्वनि होता है। जैसे.. मन-मन , टना-टन, झटा -झट ,फटाफट, खटा-खट, टन-टन , खट-खटिया , पट-पटिया , छर-छराना , दना-दन, भड़ा-भड़ , झन-झनाना , छमा-छम , धड़ा-धड़, फटा-फट आदि।

👉इस प्रकार की पुनरुक्ति में शब्द लगभग किसी वस्तु की यथार्थ ध्वनि या काल्पनिक ध्वनि के आधार पर बोले जाते हैं..

1..ठांय-ठांय गोली चली।

2.. झमा-झम वर्षा हो रही है.

3..मेरा हाथ झन-झना रहा है।

4..कोई दरवाजा खट-खटा रहा है।

5.. युद्ध में दना-दन मिसाईलें दागी जा रही हैं।

6.. छम-छम पायल बज रही है।

7.. वह मुन-मुना कर पढ़ रहा है।

8.. तालियों की गड़-गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज उठा।

पुनरुक्त शब्द

पुनरुक्ति के संबन्ध में ध्यान रखने योग्य कुछ विशेष बातें…क्योंकि हिन्दी भाषा में इनका प्रयोग अधिक होता है अतः इनके प्रयोग के नियम को ध्यान में रखना चाहिये…

(क).यदि संज्ञा शब्दों की पुनरक्ति में बीच में ‘ही ‘ आये तो उसका अभिप्राय, केवल होता है तथा ही के दोनों ओर योजक चिह्न (-) का प्रयोग अवश्य करना चाहिये..

जैसे.. वह मन-ही-मन सोचने लगा कि मैं कठिन परिश्रम करूंगा।

(ख). जब संज्ञा पुनरक्ति के मध्य में विभक्ति वाले चिह्न में ..संबन्ध कारक का चिह्न आये तो ‘लगातार’ या ‘ अत्यन्त ‘ का बोध होता है। इसमें (का )के दोनों ओर योजक चिह्न (-) का प्रयोग नहीं करना चाहिये।’जैसे…चोरों का चोर, गधों का गधा , ।

वह गधों का गधा है.. अर्थात अत्यन्त मूर्ख है।

(ग). जब वाक्य में विशेषण की पुनरक्ति होती है तो उससे अत्यंत का तथा समस्त का बोध होता है , तथा संख्या वाचक विशेषणों की द्विरुक्ति से प्रत्येक का … हर एक का बोध होता है।

जैसे…1. काले -काले बादल छाए हुए हैं। अर्थात अत्यंत काले बादल छाए हुए हैं। (अत्यंत अर्थ में )

मैने मीठे-मीठे फल खाये। (अत्यन्त अर्थ में )

2. उस समूह के लोगों ने लाल-लाल वस्त्र धारण किए हैं।अर्थात समस्त लोगों ने लाल वस्त्र धारण किए हैं। ..( समस्त अर्थ में)

3..देश का एक-एक व्यक्ति शिक्षित होना चाहिये। अर्थात देश का प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित होना चाहिये।

(घ).यदि किसी कि तुलना करनी हो या एक से दूसरे को ऊंचा या नीचा बताना हो तो विशेषण की पुनरक्ति में ‘से ‘ लगाना चाहिये।

जैसे..बुरे-से-बुरे लोग भी भगवान के आगे नतमस्तक होते हैं।

अच्छे-से-अच्छे छात्र भी प्रतियोगिता में पीछे रह गये।

👉 (च )समुदाय अर्थ में यदि संख्या वाचक शब्दों कि द्विरुक्ति होती है, तो दुहराये गये शब्दों के बीच में संबन्ध कारक का चिह्न लगता है.

जैसे..1..सब के सब दिग्भ्रमित हैं।(अर्थात सभी )

2. वर्षा के कारण सारी की सारी ट्रेन देरी से चल रही हैं ।

3..वे चार के चारो साधु हैं।

👉(छ) क्रिया शब्द तथा अव्यय शब्द की आवृत्ति से बराबर, निश्चय तथा धीरे-धीरे का बोध होता है ।

जैसे..1.. क्षितिज रो-रो कर कहने लगा।

2..जब-जब मैं चाकलेट लाता हूं, मीरा खा जाती है।

3..नए-नए पौधे लगाए गए।

👉(ज) सहधर्मी जोड़े शब्दों को यदि बहुवचन में प्रयोग करना हो तो केवल “बाद” वाले शब्द को ही बहुवचन में बदलना चाहिये।

जैसे…. 1..तुमने तो बाप-दादों का नाम मिट्टी में मिल दिया। ( दादों)

2..भेड़-बकरियों की तरह भीड़ लगी है। (बकरियों)

👉(झ) विषम धर्मी शब्द प्रायः एक वचन में ही प्रयुक्त होते हैं। अगर उनका बहुवचन बनाना हो तो दोनों ही शब्द समान रूप से परिवर्तित होने चाहिये।

  • (विषमधर्मी अर्थात एक दूसरे के विलोम । जैसे.. आते-जाते, सोते-जगते, उठते-बैठते आदि )

जैसे..1.आते-जाते मिल लिया करो।

2..मैं अकेले-दुकेले जाता रहता हूं।

इति पुनरुक्त शब्द विवेचन…

प्रश्न- उत्तर..

1.. पुनरक्त या द्विरुक्त शब्द किसे कहते हैं?

2.. पुनरुक्ति कितने प्रकार की होती है

..3 किस पुनरक्ति /द्विरुक्ति को सहचर शब्द भी कहते हैं?

रिक्त स्थान पूर्ति…

प्रश्न 4.. घर की बात………… में नहीं जानी चाहिये। ( गली-गलियारा )

प्रश्न 5.. यह बात…. फैल गई। (कान-कान )

प्रश्न..6. वह……. करोड़पति हो गया। (रात-रात )

प्रश्न..7.. अनुकरण वाचक द्विरुक्ति क्या होती है?

प्रश्न..8.. मीठे-मीठे बेर खाये..यह किस प्रकार की द्विरुक्ति है?

प्रश्न..9.. टना-टन, खटा -खट, पटा-पट यह किस पुनरक्ति का उदाहरण है?

प्रश्न.10.. पुनरुक्त शब्द की जोड़ी क्या है?

उत्तर…(1).. बोलते या लिखते समय जब एक ही शब्द को दो बार प्रयोग करते हैं, तो इसे ही पुनरक्त शब्द कहते हैं।

(2).. तीन प्रकार की..1पूर्ण 2.. अपूर्ण 3.. अनुकरणात्मक

(3).. अपूर्ण पुनरुक्ति को सहचर भी कहते हैं.

रिक्त स्थान पूर्ति.. उत्तर

(4)..गली-गलियारों , (5).. कानो-कान , (6)रातों-रात ,

(7) अनुकरण अर्थात नकल। यह किसी क्रिया के होने पर जो ध्वनि निकलती है उसी के आधार पर तथा बोले गये शब्द के समान ध्वनि का अनुसरण करके बोले जाने वाले शब्द अनुकरण वाचक होते हैं।

(8)पूर्ण पुनरक्ति.. विशेषण शब्दों की आवृत्ति। (9). अनुकरण वाचक

(10).. धीरे-धीरे, जल्दी- जल्दी, पास-पास, खाना-पीना अन्न-जल , काम- धन्धा , दाल-रोटी, देवी-देवता

विशेषण की अवस्थाएं

संस्कृत संज्ञा विधायक सूत्र

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