ल्यप् प्रत्यय उदाहरण और वाक्य
ल्यप् प्रत्यय एक पूर्वकालिक कृदन्त प्रत्यय है।इस प्रत्यय का प्रयोग ‘ करके ‘ (After Doing)इस अर्थ में होता है। जैसे.. […]
ल्यप् प्रत्यय एक पूर्वकालिक कृदन्त प्रत्यय है।इस प्रत्यय का प्रयोग ‘ करके ‘ (After Doing)इस अर्थ में होता है। जैसे.. […]
संस्कृत के स्त्री प्रत्यय..किसे कहते हैं.. परिभाषा..पुलिङ्ग् शब्दों को स्त्री लिङ्ग में परिवर्तित करने के लिये जिन प्रत्ययों का प्रयोग
Ktva pratyay क्त्वा प्रत्यय क्या है… इनका प्रयोग कहां किया जाता है।क्त्वा प्रत्यय को प्रयोग करने का क्या नियम है,ये
पदबन्ध का शाब्दिक अर्थ है पदों का बंधन। अर्थात अनेक पदों का समूह जो आपस में बंधे रहते हैं।ये वाक्य
पुनरुक्त शब्द अर्थात पुनः कहे गये शब्द। ।पुनरुक्त .. पुनः+उक्त से बना है । पुनः. अर्थात फिर से या दुबारा…
तुमुन् प्रत्यय किसे कहते हैं तथा इसका प्रयोग कहां और कैसे करते हैं…यह सब हम इस लेख के द्वारा जानेंगे…
Tva Aur Tal Pratyay..त्व और तल् प्रत्यय तद्धित प्रत्यय के अन्तर्गत आते हैं। ये संज्ञा सर्वनाम आदि के साथ प्रयोग
शानच प्रत्यय वर्तमान कालिक कृदन्त प्रत्यय है। यह प्रत्यय “होता हुआ ” इस अर्थ में प्रयुक्त होता है, और आत्मनेपद
शतृ प्रत्यय किसे कहते हैं,यह कैसे प्रयोग किया जाता है तथा किस अर्थ में किसके साथ प्रयोग किया जाता है,
माहेश्वर सूत्र को शिव सूत्र भी कहा जाता है। ये सूत्र आचार्य पाणिनि द्वारा रचित “अष्टाध्यायी “में वर्णित हैं। ये संख्या में